भारतीय संस्कृति में प्रार्थना का अहम स्थान हैं। प्रत्येक कार्य के आरंभ में ईश्वर से उस कार्य की सिद्धि हेतु हम सभी प्रार्थना करते हैं। प्रार्थना के बाद ही सभी कार्य आरंभ किये जाते हैं. बच्चें भी जब विद्या अध्ययन के लिए विद्यालय जाते है तो पठन पाठन से पूर्व वे प्रार्थना सभा में ईश्वर से प्रार्थना करते हैं। प्रार्थना से मन व ह्रदय को मजबूती तो मिलती ही है साथ ही यह संसार के रचयिता परम शक्ति सम्पन्न ईश्वर को धन्यवाद अर्पित कर कृतज्ञता प्रकट करने का भी एक माध्यम है। ईश्वर की प्रार्थना से ही मन स्थिर होता है। जिसके कारण बच्चे पढाई मे ज्यादा ध्यान लगा पाते है। सुबह की प्रर्थना आपके पूरे दिन को सकारत्मक बनाती है, ऐसा माना जाता है कि प्रार्थना किसी ‘महान शक्ति’ से सम्बन्ध जोड़ने का एक उचित माध्यम है।

   इस लेख मे हम भारत के अधिकांश विद्यालयो मे आयोजित होने वाली इन 20 प्रार्थनाओं पर नजर डालेंगे। स्कूलों के लिए प्रर्थना का यह संकलन आपको कैसा लगा, कृपया कमेंट बॉक्स में अपने सुझाव अवश्य कमेंट करें।

1- सरस्वती वंदना

या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता।

या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना॥

या ब्रह्माच्युत शंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता।

सा माम् पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा॥1॥

ॐ सहनाववतु।

सह नौ भुनक्तु।

सह वीर्यं करवाव है।

तेजस्वि नावधीतमस्तु मा विद्विषाव है।

असतो मा सदगमय ॥

तमसो मा ज्योतिर्गमय ॥

मृत्योर्मामृतम् गमय ॥

ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः।।

1- सरस्वती वंदना

2- माँ सरस्वती वरदान दो

3- ‘हे शारदे माँ’

4- हे हंसवाहिनी ज्ञानदायिनी – सरस्वती वंदना

5- तुम ही हो माता पिता तुम्ही हो

6- दया कर दान भक्ति

7- ऐ मालिक तेरे बन्दे हम

8- मारी मुट्ठी में आकाश सारा

9- इतनी शक्ति हमे देना दाता

10- ए मालिक तेरे बंदे हम

11- दयालु नाम है तेरा

12- वीणा वादिनि विमल वाणी दे

13- हम को मन की शक्ति देना

14- हर देश में तू, हर भेष में तू

15- सुबह सवेरे लेकर तेरा नाम प्रभु,

16- हे जग त्राता विश्व विधाता

17- सुख के सब साथी

By Ns Malawat

Heelo I am Narayan Singh Malawat From Jawatra Dist Udaipur State Rajasthan. I am A Govt. Teacher.

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