देशभर में नौतपा से पहले ही गर्मी अपना प्रचंड रूप दिखा रही है। हालांकि कुछ जगहों पर बेमौसम होने वाली बारिश से लोगों को थोड़ी राहत अवश्य मिली है। लेकिन ये राहत ज्यादा समय के लिए नहीं है। मई माह में नौतपा इस बार 25 मई से शुरू हो जाएगा। इन 9 दिनों की अवधि में सूर्य और पृथ्वी के बीच की दूरी काफी कम हो जाएगी। इस कारण सूर्य की गर्मी भी ज्यादा महसूस होगी।
क्या होता है नौतपा
जब सूर्य रोहिणी नक्षत्र में 15 दिनों के लिए आता है इन पंद्रह दिनों के पहले नौ दिन सबसे अधिक गर्मी वाले होते हैं। इन्हीं शुरुआती नौ दिनों को नौतपा के नाम से जाना जाता है।
ज्योतिषियों के अनुसार सूर्य 25 मई को 3:15 बजे रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करने वाले हैं इसके बाद नौ दिन का नौतपा (अत्यधिक् गर्मी ) रहेगा। इसके साथ ही सूर्य देव 8 जून को 1:04 बजे तक रोहिणी नक्षत्र में रहेंगे। इसी दिन सूर्य देव मृगशिरा नक्षत्र में प्रवेश कर जाएंगे। रोहिणी नक्षत्र में सूर्यदेव के प्रवेश के साथ ही नौतपा प्रारंभ हो जाएंगे।
ज्येष्ठ मास की ग्रीष्म ऋतु नौतपा को अधिक गर्मी का संकेत माना जाता है। नौतपा शुक्ल पक्ष में आर्द्रा नक्षत्र से 9 नक्षत्रों तक यानी 9 दिनों तक रहता है। यह आवश्यक नहीं है कि नौतपा में अधिक गर्मी हो। आर्द्रा के 9 नक्षत्रों तक जो सबसे अधिक गर्मी प्राप्त करता है, बाद में सूर्य उस नक्षत्र में 15 दिनों तक रहता है और अच्छी वर्षा होती है। नौतपा की शुरुआत भी रोहिणी नक्षत्र से होगी। नौतपा में तेज हवा के साथ बवंडर और बारिश की संभावना रहती है।
नौतपा का फायदा
खगोल विज्ञान के अनुसार इस दौरान धरती पर सूर्य की किरणें सीधे लंबी पड़ती है। इस कारण तापमान अधिक बढ़ जाता है। यदि नौतपा के सभी दिन पूरे रहे तो यह अच्छी बारिश का संकेत होता है। सूर्य के रोहिणी नक्षत्र में आने का प्रभाव ज्योतिष गणना के मुताबिक शनि की वक्री चाल के चलते नौतपा खूब तपेगा। हालांकि नौतपा के आखिरी दो दिनों के भीतर आंधी तूफान व बारिश होने की संभावना रहेगी।
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