18 वीं सदी का राजस्थान
•मराठा शक्ति को संगठित करने वाला प्रथम शासक- शिवाजी
•राजस्थान में मराठों ने सर्वप्रथम प्रवेश –1711 ई. मे मेवाड़ से
•पेशवा बाजीराव की मराठा नीति थी –अटक से कटक तक ध्वज फहराने की
•मराठों का राजस्थान की राजनीति मे प्रथम हस्तक्षेप- बूँदी से
•मराठों ने बून्दी का शासक बुध सिंह को -22 अप्रैल 1734 को बनाया
•हुरड़ा सम्मेलन की अध्यक्षता –महाराणा जगत सिंह द्वितीय ने की थी
•हुरड़ा सम्मेलन का आयोजन –17 जुलाई 1734 को हुरड़ा नामक स्थान भीलवाड़ा मे हुआ
•हुरड़ा सम्मेलन मे भाग लेने वाले –आमेर के सवाई जयसिंह जोधपुर के अभय सिंह नागौर से बख्त सिंह व कोटा के महाराव दुर्जनसाल थे
•आहदनामा का अर्थ -इकरारनामा, समझोता पत्र
•जयपुर का उतराधिकार संघर्ष – माधोसिंह v/s ईशवरसिंह
•ईशवरसिंह और माधोसिंह के मध्य –राजमहल और बगरू का युध्द हुआ जिसमे माधो सिंह विजय हुए
•जोधपुर मे उतराधिकार संघर्ष –रामसिंह v/s बखतसिंह
सन्धिया
•सर्वप्रथम अंग्रेजों के साथ संधि –1803 मे भरतपुर राज्य ने की
•रक्षात्मक एवं विस्तृत सहायक संधि सर्वप्रथम- अलवर रियसात ने 1803 मे की
•अधीनस्थ पार्थक्य संधि सर्वप्रथम – करोली रियसात ने की
•अंग्रेजों के साथ सर्वधिक सन्धिया –1818 मे हुई
•सबसे अंत मे अंग्रेजों से संधि सिरोही राज्य ने की –1823 मे
•चौथ – मराठों द्वारा अन्य शासकों से लिया जाने वाला सुरक्षा कर
•खिराज – कृषि भूमि पर लगने वाला कर