दयालु नाम है तेरा प्रभु हम पर दया कीजे ।
हरि सब तुमको कहते हैं हमारा दुःख हर लीजे ॥
दयालु…
विषय और भोग में निशिदिन फँसा रहता है मन मूरख ।
इसे अब ज्ञान देकर सत्य मारग पर लगा दीजे ॥
दयालु…
तुम्हारी भूल कर महिमा, किए अपराध अति भारी |
शरण अज्ञान है तेरे, क्षमा अपराध सब कीजे ॥
दयालु…
तुम्हीं माता-पिता जग के, तुम्हीं हो नाथ धन विद्या ।
तुम्हीं हो मित्र सब जग के, दयाकर भक्तिवर दीजे ॥
दयालु…
न चाहूँ राज-धन-वैभव न है कुछ कामना मेरी ।
रख सकूँ शुद्ध सेवाभाव, शुभ वरदान ये दीजे ॥
दयालु…
4- हे हंसवाहिनी ज्ञानदायिनी – सरस्वती वंदना
5- तुम ही हो माता पिता तुम्ही हो
14- हर देश में तू, हर भेष में तू
15- सुबह सवेरे लेकर तेरा नाम प्रभु,
[…] 11- दयालु नाम है तेरा […]
[…] 11- दयालु नाम है तेरा […]
[…] 11- दयालु नाम है तेरा […]
[…] 11- दयालु नाम है तेरा […]
[…] 11- दयालु नाम है तेरा […]