संज्ञा की परिभाषा

किसी भी व्यक्ति, वस्तु, जाति, द्रव्य, गुण भाव, स्थान और क्रिया के नाम को संज्ञा कहते हैं।

जैसे :-

पशु (जाति)

दिल्ली, भारत (स्थान)

किताब, कुर्सी (वस्तु)

सुन्दरता (गुण)

व्यथा (भाव)

मोहन (व्यक्ति)

मारना (क्रिया) आदि।

संज्ञा के उदाहरण :-

व्यक्ति का नाम अजय, भूपेंद्र, शनि, उमेश, मोहन

वस्तु का नाम कलम, टेबल, चारपाई, कुर्सी, अलमारी

गुण का नाम सुन्दरता, ईमानदारी, बेईमानी, चालाकी

भाव का नाम प्रेम, ग़ुस्सा, आश्चर्य, दया, करूणा, क्रोध

स्थान का नाम आगरा, दिल्ली, जयपुर, उज्जैन

संज्ञा के प्रकार

संज्ञा के पाँच प्रकार होते हैं।

व्यक्तिवाचक संज्ञा

जातिवाचक संज्ञा

भाववाचक संज्ञा

द्रव्यवाचक संज्ञा

समूहवाचक संज्ञा

1. व्यक्ति वाचक संज्ञा

जो शब्द केवल एक व्यक्ति, वस्तु या स्थान का बोध कराते हैं, उन शब्दों को व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते हैं।

जैसे :- भारत, अमेरिका (स्थान), टेबल, गाड़ी (वस्तु), राम, महात्मा गाँधी, सुभाषचन्द्र बोस (व्यक्ति) आदि।

उदाहरण :-

विराट कोहली क्रिकेट खेलते हैं।

मैं बम्बई में रहता हूँ।

महाभारत एक महान ग्रन्थ हैं।

सलमान खान कलाकार हैं।

दुनिया में सबसे ज़्यादा बोली जाने वाली भाषा अंग्रेजी हैं।

ऊपर दिए गए वाक्यों में विराट कोहली, बम्बई, महाभारत, व सलमान खान संज्ञा शब्द कहलायेंगे क्योंकि ये शब्द किसी विशेष व्यक्ति, वस्तु या स्थान का बोध कराते हैं।

2. जातिवाचक संज्ञा

जो शब्द किसी व्यक्ति, वस्तु या स्थान की संपूर्ण जाति का बोध कराते हैं, उन शब्दों को जातिवाचक संज्ञा कहते हैं।

जैसे :- मोबाइल, टीवी (वस्तु), गाँव, स्कूल (स्थान), व्यक्ति, जानवर (प्राणी), घोड़ा, शेर (जानवर) इत्यादि।

उदाहरण :-

कॉलेज में बच्चे पढ़ते हैं।

बिल्ली चूहे खाती है।

पेड़ों पर पक्षी बैठेते हैं।

शेर, हिरण का शिकार करता हैं।

सभी प्रजातियों में से मनुष्य सबसे बुद्धिमान हैं।

ऊपर दिए गए वाक्यों में बच्चे, चूहे, पक्षी, हिरण एवं प्रजाति आदि जातिवाचक संज्ञा शब्द कहलायेंगे क्योंकि ये किसी विशेष बच्चे या पक्षी का बोध न कराकर सभी बच्चो व पक्षियों का बोध करा रहे हैं।

3. भाववाचक संज्ञा

जो शब्द किसी चीज़ या पदार्थ की अवस्था, दशा या भाव का बोध कराते हैं, उन शब्दों को भाववाचक संज्ञा कहते हैं।

जैसे :- बचपन, बुढ़ापा, मोटापा, मिठास, चढ़ाई, थकावट आदि।

उदाहरण :-

ज्यादा व्यायाम करने से मुझे थकान हो जाती हैं।

लगातार परिश्रम करने से सफलता मिलेगी।

आपकी आवाज़ में बहुत मिठास हैं।

मुझे तुम्हारी आँखों में क्रोध नज़र आता हैं।

लोहा एक कठोर पदार्थ है।

ऊपर दिए गए वाक्यों में थकान से थकने का भाव व सफलता से सफल होने का भाव, मिठास से मीठे होने का एवं क्रोध से क्रोधित होने का भाव व्यक्त हो रहा है इसलिए ये भाववाचक संज्ञा शब्द हैं।

भाववाचक संज्ञा के बारे में विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें भाववाचक संज्ञा।

4. द्रव्य वाचक संज्ञा

जो शब्द किसी धातु या द्रव्य का बोध करते हैं, द्रव्यवाचक संज्ञा कहलाते हैं।

जैसे :- कोयला, पानी, तेल, घी, लोहा, दाल, इत्यादि।

उदाहरण :-

मेरे पास सोने के आभूषण हैं।

एक किलो घी लेकर आओ।

मुझे खाने में चावल पसंद हैं।

मुझे हीरे के आभूषण बहुत पसंद हैं।

दूध पीने से शरीर को ताकत मिलती हैं।

ऊपर दिए गए वाक्यों में सोने, घी और चावल शब्दों से किसी द्रव्य का बोध हो रहा हैं इसलिए इसे द्रव्यवाचक संज्ञा कहते हैं।

5. समूह वाचक संज्ञा

जब किसी संज्ञा शब्द से व्यक्ति या वस्तु के समूह का बोध होता है तब उसे समूहवाचक संज्ञा या समुदायवाचक संज्ञा कहते हैं।

जैसे :- भीड़, झुंड, समूह, परिवार, कक्षा, सेना, पुलिस आदि।

उदाहरण :-

भारतीय सेना दुनिया की सबसे बड़ी सेना है।

कल स्टेशन पर भीड़ जमा हो गयी।

मेरे परिवार में सात सदस्य हैं।

हाथीयों का हमेशा झुण्ड रहता हैं।

ऊपर दिए गए वाक्यों में सेना, भीड़, सदस्य और झुण्ड शब्दों से किसी समुदाय का बोध हो रहा हैं इसलिए इसे समुदायवाचक संज्ञा कहते हैं।

संज्ञा के नियम

1. जब व्यक्तिवाचक संज्ञा का कोई शब्द अपने साथ अन्य नाम का बोध कराता हैं, तो उस अन्य नाम को जातिवाचक संज्ञा कहते हैं।

जैसे :-

सीता हमारे घर की लक्ष्मी हैं।

कालिदास को भारत का शेक्सपियर कहते हैं।

2. जातिवाचक संज्ञा का कोई शब्द जब किसी व्यक्ति विशेष के अर्थ में रूढ़ हो जाता है तो वहाँ व्यक्तिवाचक संज्ञा होती है।

जैसे :-

गाँधी गाँधीजी ने देश को सत्य और अहिंसा का पाठ पढ़ाया।

मोदी मोदीजी एक मित्व्ययी प्रशासक है।

3. भाववाचक संज्ञा और विशेषण हमेशा एक वचन में प्रयुक्त किए जाते हैं, जैसे ही इनको बहुवचन में प्रयुक्त किया जाता है तो वहाँ जातिवाचक संज्ञा होती है।

जैसे :

गरीबों की मदद करनी चाहिए।

बड़ो का सम्मान करना चाहिए।

नोट :-

(a). व्यक्तिवाचक संज्ञा :- व्यक्तिवाचक संज्ञा का प्रयोग हमेशा एकवचन में किया जाता है, अर्थात् ऐसे एकवचन में किया जाता है, जिसका बहुवचन न बनाया जा सके।(b). जातिवाचक संज्ञा :- जातिवाचक संज्ञा का प्रयोग हमेशा बहुवचन में किया जाता है,

By Ns Malawat

Heelo I am Narayan Singh Malawat From Jawatra Dist Udaipur State Rajasthan. I am A Govt. Teacher.

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