ॐ असतो मा सद्गमय।

तमसो मा ज्योतिर्गमय।

मृत्योर्मामृतं गमय ॥

दया कर दान विद्या का हमे परमात्मा देना,

दया करना हमारी आत्मा में शुद्धता देना ।

हमारे ध्यान में आओ, प्रभु आँखों में बस जाओ,

अँधेरे दिल में आकर के परम ज्योति जगा देना ।

बहा दो प्रेम की गंगा, दिलों में प्रेम का सागर,

हमे आपस में मिलजुल के प्रभु रहना सीखा देना ।

हमारा कर्म हो सेवा, हमारा धर्म हो सेवा,

सदा ईमान हो सेवा, वो सेवक चर बना देना ।

वतन के वास्ते जीना, वतन के वास्ते मरना,

वतन पे जा फ़िदा करना, प्रभु हमको सीखा देना ।

दया कर दान विद्या का हमे परमात्मा देना,

दया करना हमारी आत्मा में शुद्धता देना ।

ॐ सह नाववतु ।

सह नौ भुनक्तु ।

सह वीर्यं करवावहै ।

तेजस्वि नावधीतमस्तु मा विद्विषावहै ।

ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः ॥

1- सरस्वती वंदना

2- माँ सरस्वती वरदान दो

3- ‘हे शारदे माँ’

4- हे हंसवाहिनी ज्ञानदायिनी – सरस्वती वंदना

5- तुम ही हो माता पिता तुम्ही हो

6- दया कर दान भक्ति

7- ऐ मालिक तेरे बन्दे हम

8- मारी मुट्ठी में आकाश सारा

9- इतनी शक्ति हमे देना दाता

10- ए मालिक तेरे बंदे हम

11- दयालु नाम है तेरा

12- वीणा वादिनि विमल वाणी दे

13- हम को मन की शक्ति देना

14- हर देश में तू, हर भेष में तू

15- सुबह सवेरे लेकर तेरा नाम प्रभु,

16- हे जग त्राता विश्व विधाता

17- सुख के सब साथी

By Ns Malawat

Heelo I am Narayan Singh Malawat From Jawatra Dist Udaipur State Rajasthan. I am A Govt. Teacher.

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