ऐ मालिक तेरे बंदे हम, ऐसे हों! हमारे करमा
नेकी पर चलें और बदी से ढले,
ताकि हँसते हुए निकले दम
ऐ मालिक…………
ये अँधेरा घना छा रहा
तेरा इंसान घबरा रहा।
हो रहा बेखबर, कुछ न आता नजर
सुख का सूरज छुपा जा रहा
है तेरी रोशनी में वो दम
जो अमावस को कर दे पूनम
नेकी पर चलें और बदी से ढले
वाकि हँसते हुए निकले दम।
ऐ मालिक ………
जब जुल्मों का हो सामना
तब तू ही हमें थामना।
वो बुराई करें हम भलाई करें
नहीं बदलेगी ये भावना।
बढ़ उठे प्यार का हर कदम
और मिटे बैर का ये भरम।
नेकी पर चलें और बदी से ढले
गाकि हँसते हुए निकले दम।
ऐ मालिक ………
4- हे हंसवाहिनी ज्ञानदायिनी – सरस्वती वंदना
5- तुम ही हो माता पिता तुम्ही हो
14- हर देश में तू, हर भेष में तू
15- सुबह सवेरे लेकर तेरा नाम प्रभु,
[…] 10- ए मालिक तेरे बंदे हम […]
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