देशभर में चिलचिलाती गर्मी पड़ रही है और कई जगह पारा 45 के पार पहुंच रहा है। कई राज्यों में गर्मी का रेड अलर्ट भी जारी किया गया है। गर्मी में लू लगने से डिहाइड्रेशन सहित कई समस्याएं हो सकती हैं। चलिए जानते हैं कि हीट स्ट्रोक क्या है और आप अपना बचाव कैसे कर सकते हैं।


लू लगना, जिसे सनस्ट्रोक या हीट स्ट्रोक भी कहा जाता है, गर्मी से जुड़ी बीमारियों में सबसे गंभीर है। यह तब होता है शरीर का तापमान अचानक बहुत ज्यादा बढ़ जाता है और खुद को ठंडा रखने की क्षमता खो देता है। शरीर का तापमान सामान्य से ज्यादा बढ़कर 104°F (40°C) या उससे ज्यादा हो जाने पर यह खतरनाक स्थिति पैदा हो जाती है। लू लगना जानलेवा हो सकती है और ऐसे में तुरंत डॉक्टरी मदद जरूरी है।
लू लगने का सबसे पहला संकेत शरीर का तापमान बहुत ज्यादा बढ़ जाना है।

हीटस्ट्रोक एक आपातकालीन स्थिति क्यों है?
हीटस्ट्रोक में आपके शरीर के तापमान को जल्द से जल्द कम करने के लिए तुरंत प्राथमिक उपचार की आवश्यकता होती है। यदि ऐसा नहीं किया जाता है, तो यह अंगों को नुकसान पहुंचा सकता है और मृत्यु का कारण बन सकता है।

आप जितना अधिक गर्म होते हैं तथा अधिक समय तक अधिक गर्म रहते हैं, मृत्यु का जोखिम उतना ही अधिक बढ़ जाता है।

हीटस्ट्रोक के लक्षण क्या हैं?
अगर आपको हीटस्ट्रोक हुआ है, तो आमतौर पर आपको पसीना नहीं आएगा। आपकी त्वचा लाल, गर्म और सूखी हो सकती है।

हीट एग्जॉशन एक हल्की गर्मी से संबंधित बीमारी है जो अगर इलाज न किया जाए तो हीटस्ट्रोक का कारण बन सकती है, इसलिए लक्षणों को जल्दी पहचानना महत्वपूर्ण है। अगर आपको हीट एग्जॉशन है, तो आपको आमतौर पर बहुत पसीना आएगा और आपकी त्वचा पीली, ठंडी और नम होगी।
दिमाग सम्बन्धी परेशानी: उलझन, बेचैनी, होश न सम्भाल पाना या बेहोशी भी हो सकती है।
गर्म और रूखी त्वचा: शरीर को ठंडा करने के लिए पर्याप्त पसीना न आने के कारण त्वचा गर्म और रूखी महसूस हो सकती है।
तेज धड़कन: शरीर खुद को ठंडा करने की कोशिश करता है तो दिल की धड़कन तेज हो सकती है।
तेज सांस लेना: शरीर गर्मी निकालने की कोशिश करता है तो सांसें तेज और उथली हो सकती हैं।
मतली और उल्टी: उबकाई, उल्टी और दस्त जैसे लक्षण भी हो सकते हैं।
सरदर्द और चक्कर आना: सरदर्द, चक्कर आना या घबराहट भी हो सकती है।

गर्मी से थकावट के अन्य लक्षण इस प्रकार हैं:

चक्कर आना और कमज़ोरी
सिरदर्द
मतली या उलटी
तेज़ नाड़ी और तेज़, उथली साँस
मांसपेशियों में ऐंठन (जिसे हीट क्रैम्प्स के नाम से जाना जाता है)
बेहोशी
बेचैनी और चिंता महसूस करना
घमौरियां

पानी पीते रहें
खासकर गर्मी में बाहर निकलते समय या व्यायाम करते समय, शरीर में पानी की कमी न हो इसके लिए पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ, खासकर पानी, पीते रहें।

धूप से बचें
सबसे ज्यादा गर्मी वाले समय, यानी सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे के बीच, बाहर निकलने से बचें। हो सके तो छाया या वातानुकूलित जगह में रहें।

कपड़े ध्यान से पहनें
ढीले और हल्के कपड़े पहनें, जो पसीना सोख सकें। हल्के रंग के कपड़े पहनना बेहतर होता है क्योंकि वे धूप की किरणों को परावर्तित कर देते हैं। चौड़ी टोपी पहनें और धूप का चश्मा लगाएं। बाहर किसी काम के लिए निकले हों तो बीच-बीच में रुककर छाया में आराम करें, पानी पीएं और खुद को ठंडा रखें। धूप से बचने के लिए सनस्क्रीन लगाएं, इससे धूप से जलने और गर्मी लगने से बचा जा सकता है।

पानी से भरपूर फल-सब्जी खाएं
तरबूज, स्ट्रॉबेरी, खरबूजा और संतरे जैसे फलों में पानी की मात्रा अधिक होती है, जो आपको हाइड्रेटेड रखने में मदद करते हैं। वे विटामिन, खनिज और एंटीऑक्सीडेंट से भी भरपूर हैं। सलाद या स्मूदी में पालक, केल और सलाद जैसी पत्तेदार सब्जियाँ शामिल करें।

तरल पदार्थों का सेन बढ़ा दें
घर का बना नींबू पानी, ककड़ी-पुदीना सूप, इंफ्यूज्ड वॉटर, नारियल पानी, आइस्ड हर्बल चाय, या घर पर बने फलों की स्मूदी जैसे पेय पदार्थों से हाइड्रेटेड रहें। मीठे पेय और अत्यधिक शराब से बचें, जो डिहाइड्रेशन को बढ़ा सकते हैं।

डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

By Ns Malawat

Heelo I am Narayan Singh Malawat From Jawatra Dist Udaipur State Rajasthan. I am A Govt. Teacher.

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