राजस्थान एकीकरण
Q राजस्थान एकीकरण की सुगबुगाहट कब आरम्भ हुई?
Ans 1939 में (वायसराय लार्ड लिनलिथगो के आदेश के बाद)
Q किस आदेश के अनुसार राजस्थान एकीकरण की सुगबुगाहट आरम्भ हुई?
Ans अखिल भारतीय देसी राज्य सेवा परिषद् के आदेशानुसार एक निर्णय लिया गया जिसके अनुसार जिन रियासतों और ठिकानो की वार्षिक आय 50 लाख और जनसँख्या 20 लाख से कम हो, उन्हें नजदीक के बड़े राज्य में मिला दिया जाये|
Q भारत के आजाद होने के बाद किन रियासतों को पृथक अस्तित्व बनाये रखने की छुट थी?
Ans न्यूनतम आय 1 करोड़ और जनसँख्या 10 लाख से ज्यादा हो|
Q पृथक अस्तित्व बनाये रखने की शर्तों को राजस्थान की कौन कौन सी रियासते पूर्ण करती थ ?
Ans जयपुर, जोधपुर,बीकानेर और उदयपुर
Q एकीकरण से पूर्व राजस्थान में कितनी रियासते थी ?
Ans 19 रियासाते (जयपुर, जोधपुर, बीकानेर,उदयपुर, बूंदी, कोटा, धौलपुर,अलवर, डूंगरपुर, बांसवाडा, प्रतापगढ़, झालावाड, करौली, शाहपुरा, सिरोही, टोंक, जैसलमेर,किशनगढ़ और भरतपुर)
Q एकीकरण से पूर्व राजस्थान में कितने ठिकाने थे ?
Ans 3 ठिकाने (लावा, कुशलगढ़ और नीमराना)
Q एकीकरण से पूर्व राजस्थान में केन्द्रशासित प्रदेश था ?
Ans 1 केन्द्रशासित प्रदेश (अजमेर मेरवाडा)
Q एकीकरण का प्रथम प्रयास किस रियासत ने शुरू किया?
Ans कोटा रियासत के शासक महाराव भीमसिंह ने| कोटा के बाद महाराणा मेवाड़ ने 25 व् 26 जून 1946 में राजस्थान,गुजरात और मालवा के कुछ शासको के साथ एक सम्मलेन का आयोजन किया|
Q राजस्थान एकीकरण कितने चरणों में संपन्न हुआ?
Ans 7 चरणों में
चरण | राज्य का नाम | गठन की तारीख | एकीकरण पश्चात् स्थिति |
प्रथम चरण | मत्स्य संघ | 17-18 मार्च 1948 | अलवर भरतपुर करौली धौलपुर राजधानी- अलवर राजप्रमुख- महाराजा उदयभानसिंह (धौलपुर) प्रधानमंत्री- शोभाराम कुमावत |
द्वितीय चरण | पूर्व राजस्थान संघ | 25 मार्च 1948 | बांसवाडा कोटा बूंदी झालावाड टोंक डूंगरपुर प्रतापगढ़ किशनगढ़ शाहपुरा रियासते व् कुशलगढ़& लावा ठिकाने राजधानी- कोटा राजप्रमुख- महाराव भीम सिंह (कोटा) प्रधानमंत्री- गोकुल लाल असावा बांसवाडा के मारवल चंद्रवीर सिंह ने कहा की मैं अपने डेथ वारंट पर हस्ताक्षर कर रहा हूँ |
तृतीय चरण | संयुक्त राजस्थान | 18 अप्रेल 1948 | पूर्व राजस्थान संघ में मेवाड़ का विलय कर दिया राजधानी- उदयपुर राजप्रमुख- महाराणा भोपाल सिंह (उदयपुर) प्रधानमंत्री- माणिक्य लाल वर्मा उद्घाटन – जवाहर लाल नेहरु |
चतुर्थ चरण | वृहद् राजस्थान | 30 मार्च 1949 | संयुक्त राजस्थान में जयपुर, जोधपुर बीकानेर, और जैसलमेर का विलय राजधानी- जयपुर महाराजप्रमुख- महाराणा भोपाल सिंह (उदयपुर) राजप्रमुख- मान सिंह द्वितीय (जयपुर) प्रधानमंत्री- हीरा लाल शास्त्री 30 मार्च को राजस्थान दिवस के रूप में मनाया जाता हैं 5 नए विभागों की घोषणा 1 शिक्षा विभाग- बीकानेर 2 न्याय विभाग – जोधपुर 3 वन विभाग – कोटा 4 कृषि विभाग – भरतपुर 5 खनिज विभाग – उदयपुर |
पंचम चरण | संयुक्त वृहद् राजस्थान | 15 मई 1949 | वृहद् राजस्थान + मत्स्य संघ + नीमराना ठिकाना राजधानी- जयपुर महाराजप्रमुख- महाराणा भोपाल सिंह (उदयपुर) राजप्रमुख- मान सिंह द्वितीय (जयपुर) प्रधानमंत्री- हीरा लाल शास्त्री |
षष्ठम चरण | राजस्थान | 26 जनवरी 1950 | सिरोही का विलय ( देलवाडा और आबू क्षेत्र को छोड़ कर) राजधानी- जयपुर महाराजप्रमुख- महाराणा भोपाल सिंह (उदयपुर) राजप्रमुख- मान सिंह द्वितीय (जयपुर) प्रधानमंत्री/मुख्यमंत्री – हीरा लाल शास्त्री(प्रथम मनोनीत मुख्यमंत्री) |
सप्तम चरण | राजस्थान | 1 नवम्बर 1956 | राजस्थान संघ, आबू, देलवाड़ा, सुमेल टप्पा व अजमेर-मेरवाडा सुमेल टप्पा मध्यप्रदेश के मंदसोर जिले कि भानुपुरा तहसील से लेकर झालावाड़ में मिलाया गया। कोटा के सिरोज उपखण्ड को मध्यप्रदेश मे मिलाया गया। ✍ राजस्थान को A श्रेणी का दर्जा दिया गया व राज्यपाल कि नियुक्ति जारी कि गई और प्रथम राज्यपाल गुरुमुख निहाल सिंह बने। राजधानी- जयपुर मुख्यमंत्री- मोहनलाल सुखाडिया राज्यपाल – गुरुमुख निहाल सिंह |