झूम खेती किसे कहते है?
झूम खेती पुराने समय में बहुत ही प्रचलित खेती थी | भारत के कुल राज्यों में आज भी झूम खेती की जाती है | आखिर झूम खेती क्या है, झूम खेती किसे कहते हैं? (Jhoom Kheti Kise Kahate Hain)
झूम खेती किसे कहते हैं? (Jhoom Kheti Kise Kahate Hain)
भारत एक कृषि प्रधान देश है जिसमें प्राचीन काल से लेकर आज तक रोजगार के लिए लोग खेती पर निर्भर है | परंतु पुराने जमाने में की जाने वाली खेती और वर्तमान में की जाने वाली खेती में जमीन आसमान का अंतर है |
प्राचीन काल में संसाधनों की कमी के कारण किसान खेत में उगने वाले पेड़ पोधों को काटकर नीचे गिरा देते थे फिर उन्हें जला देते थे | बाद में फिर लकड़ी के पुराने उपकरणों की सहायता से भूमि पर जुताई करके बीज बो देते थे और खेती करते थे |
झूम खेती एक भूमि पर दो या तीन साल तक ही की जाती थी फिर उसे खाली छोड़ किया जाता था क्योंकि दो-तीन साल में खेती करने से भूमि की उर्वरक क्षमता लगभग खत्म हो जाती थी | अब किसानो को खेती करने के लिए एक नयी भूमि की जरूरत पड़ती थी जिसमें वही प्रक्रिया दोहराई जाती थी | इस प्रकार की जाने वाली खेती को झूम खेती कहा जाता है |
झूम खेती को Slash-and-burn, शिफ्टिंग कृषि व स्थानांतरण खेती के नाम से भी जाना जाता है |
Jhoom Kheti Kise Kahate Hain
झूम खेती प्राचीन काल की खेती है जो आदिम जाति के लोगों द्वारा की जाती थी तथा वर्तमान में यह उत्तर-पूर्वी भारत में अधिक प्रचलित है |
असम, मणिपुर, मिजोरम, नागालेंड आदि झूम खेती करने वाले राज्यों में से प्रमुख है |
FAQs
झूम खेती कहाँ की जाती है?
असम, मणिपुर, मिजोरम, नागालेंड आदि राज्यों में |
झूम खेती की मुख्य फसल कौन सी है?
चावल |
झूम खेती किस राज्य में होती है?
भारत के असम, मणिपुर, मिजोरम, नागालेंड आदि राज्यों में झूम खेती की जाती है |
झूम खेती को राजस्थान में किस नाम से जाना जाता है?
राजस्थान में झूम खेती को वालरा के नाम से जाना जाता है |
झूम खेती को झारखंड में किस नाम से जाना जाता है?
झारखंड में झूम खेती को ‘कुरुवा’ नाम से जाना जाता है।
मध्य प्रदेश में झूम खेती को किस नाम से जाना जाता है?
मध्य प्रदेश में झूम खेती को दीवार मसान पिंडा पिंडा पर वीरा के नाम से जाना जाता है |म पीआरम खेती को वालरा भी कहा जाता है
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